नीलकंठ

 नीलकंठ 

1. अित संि उर दो 

(क) मोर - मोरनी के जोड़ेको लेकर घर पँचनेपर सब लोग महादेवी जी सेा कहनेलगे? 

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उर : मोर-मोरनी के जोड़ेको लेकर घर पँचनेपर सब लोग महादेवी जी सेकहनेलगेिक यह तो तीतर ह, मोर कहकर ठग िलया है। 

(ख) महादेवी जी के अनुसार नीलकं ठ को कैसा वृ 

अिधक भाता था ? 

उर : महादेवी वमाजी के अनुसार नीलकं ठ को फलोंके वृोंसेअिधक पुत और पिवत वृ भातेथे। 

(ग) नीलकं ठ को राधा और कुा मिकसेअिधक ार 

था और ों? 

उर : नीलकं ठ को राधा और कुा मराधा सेअिधक ार था ोिंक वेदोनोंआपस मबत िमल थे। दोनों 

एकसाथ नृ करतेथे। नीलकं ठ और राधा की सबसे िय ऋतुवषाथी । मेघ के गजन के ताल पर ही वे तय नृ का आरंभ करता । 

(घ) मृुके बाद नीलकं ठ का संार महादेवी जी ने 

कैसेिकया ? 

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उर : मृुके बाद नीलकं ठ का संार करनेके िलए महादेवी जी ने अपनेशाल मलपेटकर उसेसंगम लेगई और वहाँगंगा की बीच धार म उसेवािहत कर िदया । 

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