Class 9| Hindi Textbook Solution | Aalok bhag 1| L -11 : नर हो , न निराश करो मन को | कवि - मैथिलीशरण गुप्त |
अभ्यासमाला
बोध एवं विचार :
(अ) सही विकल्प का चयन करो :
1. कवि ने हमें प्रेरणा दी है -
(क) कर्म की (ख) आशा की (ग) गौरव की (घ) साधन की
2. कवि के अनुसार मनुष्य को अमरत्व प्राप्त हो सकता है -
(क) अपने नाम से (ख) धन से (ग) भाग्य से (घ) अपने व्यक्तित्व से
3. कवि के अनुसार 'न निराश करो मन को' का आशय है -
(क) सफलता प्राप्त करने के लिए आशावान होना ।
(ख) मन में निराशा तो हमेशा बनी रहती है ।
(ग) मनुष्य अपने प्रयत्न से असफलता को भी सफलता में बदल
सकता है ।
(घ) आदमी को अपने गौरव का ध्यान हमेशा रहता है ।
(आ) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो (लगभग 50 शब्दों में)
1. तन को उपयुक्त बनाए रखने के क्या उपाय है ?
उत्तर : तन को उपयुक्त बनाए रखने के लिए हमें अपना काम करते हुए
आगे बढ़ना है । जिस काम के माध्यम से जग में अपना नाम बना सके ।
मन को निराश न करते हुए हमें अनुकूल अवसर हाथ से नहीं देना चाहिए ।
2. कवि के अनुसार जग को निरा सपना क्यों नहीं समझना चाहिए ?
उत्तर :कवि के अनुसार जग को निरा सपना नहीं समझना चाहिए क्योंकि
इस संसार में कर्म के माध्यम से ही लोग आगे बढ़ सकते है । खुद को
सँभालने की जरूरत है कि सु-योग चला ना जाए । अपना मंजिल खुद
को ही प्रशस्त करना पड़ेगा । केवल सपना देखने से यह दुनिया नही
बदलने वाला ।
3. अमरत्व-विधान से कवि का क्या तात्पर्य है ?
उत्तर : अमरत्व-विधान से कवि का तात्पर्य यह है कि अगर हमें यहाँ सब
तत्त्व प्राप्त हो सकता है तो अपना पहचान भी कहीँ नही जा सकता । मन
निराश न करते हुए हमें आगे बढ़ना है ।